अंतिम चरण में रोकी गई चंद्रयान-2 की लॉचिंग, फिर भी दुनियाभर में हो रही ISRO की तारीफ

सोमवार रात 2 बजकर 51 मिनट पर चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग होने वाली थी. लेकिन 1 बजकर 55 मिनट पर इसे रोक दिया गया. भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद खुद चंद्रयान की लॉन्चिंग देखने के लिए श्रीहरिकोटा पहुंचे हुए थे.

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नई दिल्ली। सोमवार की रात पूरा देश चंद्रमा पर भेजे जाने वाले दूसरे भारतीय मानवरहित मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग का इंतजार कर रहा था. लेकिन, उल्टी गिनती के दौरान इसे लॉन्चिंग से करीब एक घंटे पहले रोक दिया गया. दरअसल, उल्टी गिनती के दौरान वैज्ञानिकों को इसके प्रक्षेपण की कुछ तकनीकी खामियों के बारे में पता चला और उन्होंने तुरंत ही इसकी लॉन्चिंग को टालने का फैसला किया.

 

बता दें कि चंद्रयान की लॉन्चिंग को देखने के लिए स्कूली बच्चों के साथ ही खुद भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी वहां पर पहुंचे हुए थे. लेकिन, इसरो के ऐन मौके पर लॉन्चिंग रोकने से कई लोगों के हाथ निराशा लगी. फिर भी इस कदम के लिए इसरो की सक्रियता की काफी तारीफ की जा रही है.

लोगों का मानना कि दुर्घटना से देर भली
कहा जा रहा है कि यह खुशी की बात है कि इसरो ने अपने बाहुबली रॉकेट में तकनीकी खामी का पता लॉन्च से करीब एक घंटे पहले ही लगा लिया. सोशल मीडिया पर लोग इसके लिए इसरो की प्रशंसा कर रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि कभी नहीं से बेहतर कुछ समय की देरी होती है. इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग की नई तारीख भी जल्द ही लोगों को बताई जाएगी. चंद्रयान-2 की कुल लागत 978 करोड़ रुपये आई है. ऐसे में अगर यह मिशन जल्दीबाजी या किसी गलती के चलते सफल नहीं हो पाता तो यह सारा पैसा डूब जाता. ऐसे में माना जा रहा है कि इसरो की सतर्कता से उसने देश का काफी पैसा और संसाधन बचा लिया है.

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने क्या कहा है?
चंद्रयान 2 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर उतरकर उसका अध्ययन करना है. सोमवार को कई स्पेस साइंटिस्ट ने भी इसरो के इस फैसले की तारीफ की. उनका कहना था कि जल्दबाजी में मिशन को ही संकट में डालने से अच्छा ता कि भारत के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 को टाल दिया जाए और इसके लिए इसरो की तारीफ की जानी चाहिए. इसरो के लिए भी इस मिशन को अब तक का सबसे जटिल और प्रतिष्ठित मिशन बताया जा रहा है.

लॉन्च टालने की आधिकारिक घोषणा इसरो के एसोसिएट डायरेक्टर (PR) बीआर गुरुप्रसाद ने की थी. उन्होंने कहा था, “मिशन के लॉन्च व्हीकल में लॉन्चिंग से 56 मिनट पहले ही तकनीकी खामी का पता चल गया था. ऐसे में एहतियातन चंद्रयान 2 का लॉन्च आज के लिए स्थगित किया जा रहा है.” हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह किस तरह की खामी थी?

आखिरी वक्त तक भी इसरो के वैज्ञानिक करते रहे जांच
कोलकाता के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) में सेंटर फॉर एक्सिलेंस इन स्पेस साइंसेज के हेड राजेश कुंबले नायक ने कहा है कि लॉन्चिंग सिस्टम को लेकर इसरो की सफलता लगातार शानदार रही है. रॉकेट की आखिरी मिनट तक जांच करते रहना और समस्याओं का समाधान अपने आप में एक कला है, इसरो इसका मास्टर है.

उन्होंने इसरो वैज्ञानिकों के जल्दीबाजी का शिकार न होने के बारे में कहा, “उन्हें इसकी खुशी है कि वैज्ञानिकों ने जल्दबाजी में फंसने के बजाए इसे रोकने का फैसला किया. मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में मिशन लॉन्च होगा. जो नाकाम होने से ज्यादा बेहतर है.”

 

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च मुंबई के एसोसिएट प्रोफेसर सुदीप भट्टाचार्य का कहना है कि ऐसे स्पेस मिशन के लॉन्च से पहले हम अपनी तकनीकी कुशलता और वैज्ञानिक संभानाओं को को सेलिब्रेट करते हैं लेकिन हमें यह भी याद रखना चाहिए कि बहुत ही सख्त परीक्षण और व्हीकल और सैटैलाइट के हर हिस्से की बार-बार निगरानी की जाती है.

इसके अलावा भी देश और दुनिया के बहुत सारे वैज्ञानिकों ने इसरो के इस कदम की तारीफ की है. इसरो ने हालांकि अभी नई लॉन्च डेट की जानकारी नहीं दी है और कहा है कि इसे बाद में घोषित किया जाएगा. लेकिन इस मिशन के चांद पर सुरक्षित लैंड करने के साथ ही भारत, अमेरिका, चीन और रूस के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश हो जाएगा.

 

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