सूरत (गुजरात). जोधपुर से बेंगलुरू जाने वाली 16507 जोधपुर-बेंगलुरू एक्सप्रेस का एसी खराब होने पर यात्रियों ने हंगामा किया। दोबार बैटरी बदलने के बावजूद भी यात्रियों को तसल्ली नहीं हुई। वे जिद पर अड़ गए कि बैटरी बदलने के बाद भी एसी नहीं चला तो आगे कि क्या गारंटी। ऐसे में यात्रियों ने तीन अधिकारियों को आगे की यात्रा साथ करने के लिए मजबूर कर दिया। जब कूलिंग ठीक हो गई तभी अफसरों को उतरने दिया। अधिकारियों को 92किमी तक सफर करना पड़ा।
पोरबंदर-हावड़ा एक्सप्रेस प्रत्येक बुधवार, गुरुवार और रविवार को पोरबंदर से सुबह 7.50 बजे रवाना होती है। बुधवार को भी मेंटेनेंस के बाद यह निर्धारित समय पर पोरबंदर से रवाना हुई थी। अहमदाबाद पहुंचने से पहले सेकंड एसी के कोच ए-1 में तकनीकी खामी के कारण एयरकंडीशन बंद हो गया। यात्रियों ने अटेंडेंट तथा टीटीइ को इसकी जानकारी दी। ट्रेन अहमदाबाद शाम 4.55 बजे पहुंची थी। वहां कोच का एसी चालू नहीं हो सका। यात्रियों को आश्वासन दिया गया कि वड़ोदरा में उनकी परेशानी दूर हो जाएगी।
शाम करीब 7.14 बजे ट्रेन वड़ोदरा पहुंची। यात्रियों ने फिर अटेंडेंट तथा टीटीइ से एसी चालू करने की मांग की, लेकिन वहां भी यात्रियों की तकलीफ दूर नहीं हुई। यह कह कर कि सूरत में कोच का एसी चालू हो जाएगा, ट्रेन को रवाना कर दिया गया। ट्रेन रात 9.10 बजे सूरत स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर पहुंची।
यहां यात्रियों ने रेल अधिकारियों से शिकायत करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। जानकारी मिलने पर स्टेशन डायरेक्टर सी.आर. गरुडा वहां पहुंचे। तकनीकी कर्मचारियों ने बताया कि कोच की खामी तत्काल दूर करना संभव नहीं है। गरुडा ने खराब कोच के बदले सूरत से नया कोच जोडऩे के निर्देश दिए। हंगामे और कोच बदलने की प्रक्रिया के कारण ट्रेन सूरत स्टेशन पर अतिरिक्त 40 मिनट खड़ी रही। यात्रियों के सामान को एक कोच से दूसरे कोच में शिफ्ट करने के लिए 20 कुली बुलाए गए।
इस ट्रेन के सेकंड एसी कोच में तकनीकी खामी अहमदाबाद से शुरू हुई, लेकिन अहमदाबाद तथा वड़ोदरा स्टेशनों पर रेलवे को कोच बदलने की जरूरत महसूस नहीं हुई। सूरत स्टेशन पर कोच बदले जाने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली।
एसी राजस्थान के फालना स्टेशन से ही खराब हो गया था
यह मामला शनिवार का है। जोधपुर-बेंगलुरू एक्सप्रेस के बी 2 और बी 3 कोच का एसी राजस्थान के फालना स्टेशन से ही खराब हो गया था। शिकायत के बाद वडोदरा में रेलवे अफसरों ने बैटरी बदलवा दी। यात्रियों ने बताया, “सूरत स्टेशन आने तक भी कूलिंग नहीं हुई। सभी कोघुटन महसूस होने लगी। इसके बाद हमने फिर शिकायत की।”
सूरत में भी बैटरी बदली गई
सूरत में भी बैटरी बदली गई, सूरत में ट्रेन में सवार होने के बाद कोच में कूलिंग तो शुरू हो गई, लेकिन यात्रियों को भरोसा नहीं हुआ। वे जिद पर अड़ गए कि आला अधिकारी उनके साथ सफर करें। इसके बाद सूरत के स्टेशन निदेशक सीआर गरुडा, मुख्य वाणिज्य निरीक्षक गणेश जाधव, स्टेशन सुप्रीटेंडेंट सीएम खटीक और आरपीएफ के एसआइपीएफ को बी 2 कोच में यात्रियों के साथ बैठना पड़ा।
- ट्रेन नवसारी तक पहुंची तो एसी काम करने लगा। इसके बाद भी यात्रियों ने एक स्टेशन और आगे चलने की जिद की तो अधिकारियों को वलसाड तक सफर करना पड़ा।
सूरत स्टेशन के निदेशक सीआर गरूड़ा ने कहा कि हमने यात्रियों की सुविधानुसार फैसला लिया। कुछ वजह से एसी काम नहीं कर रहा था। यात्रियों ने साथ चलने की मांग की तो मैंने दो अफसरों के साथ उनकी तसल्ली होने तक यात्रा की।