नई दिल्ली. शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद एलआईसी रिलायंस को पीछे छोड़ देश की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी बन सकती है। विश्लेषकों को एलआईसी का वैल्यूएशन 8-10 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। मार्केट कैप में अभी रिलायंस 8 लाख 77 हजार करोड़ रुपए के साथ देश की सबसे बड़ी कंपनी है। 8 लाख 12 हजार करोड़ रुपए के मार्केट कैप वाली टीसीएस दूसरे नंबर पर है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट में ऐलान किया कि सरकार एलआईसी में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने के लिए आईपीओ लाएगी। हालांकि, यह नहीं बताया कि कितने शेयर बेचे जाएंगे।
5% शेयर भी बेचे तो सरकार को 50 हजार करोड़ मिल सकते हैं
सरकार के पास एलआईसी की 100% हिस्सेदारी है। सैमको सिक्योरिटीज के सीईओ जिमित मोदी का कहना है कि एलआईसी का वैल्यूएशन 10 लाख करोड़ रुपए मानते हुए 5% शेयर भी बेचे तो सरकार को 50 हजार करोड़ रुपए मिल जाएंगे। इससे वित्तीय घाटा कम करने और विनिवेश लक्ष्य पूरा करने में भी मदद मिलेगी। इक्विटी99 के बिजनेस हेड राहुल शर्मा को उम्मीद है कि एलआईसी के आईपीओ पर निवेशक भरोसा करेंगे, यह अच्छा रिटर्न देगा।
इंश्योरेंस मार्केट में एलआईसी का 71% शेयर
60 साल पुरानी एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। पॉलिसी की संख्या के मामले में 30 नवंबर 2019 तक इसका 76.28% मार्केट शेयर था। पहले साल के प्रीमियम की कैटेगरी में 71% शेयर था। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का सरप्लस 10% बढ़कर पहली बार 53 हजार 214 करोड़ रुपए पहुंच गया। कंपनी ने सरकार को 2 हजार 610 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया।
भारत की सऊदी अरामको बन सकती है एलआईसी
बाजार के विश्लेषकों का मानना है कि सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको के आईपीओ की तरह एलआईसी का आईपीओ भी रिकॉर्ड बना सकता है। अरामको दुनिया की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी है। कंपनी ने दिसंबर में आईपीओ के जरिए सिर्फ 1.5% शेयर बेचकर 1 लाख 82 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। यह अब तक दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ है। एलआईसी का इश्यू भी भारत का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। अभी तक यह रिकॉर्ड कोल इंडिया के नाम है। नवंबर 2010 में कोल इंडिया ने आईपीओ से 15 हजार 199 करोड़ रुपए जुटाए थे।