लंदन की जेल में ही रहेगा नीरव मोदी, अदालत ने चौथी बार ठुकराई जमानत याचिका

भारत के सरकारी बैंकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करके लंदन भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने ठुकरा दिया है.

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लंदन। भारत के सरकारी बैंकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करके लंदन भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर वहां भी शिकंजा कसता दिख रहा है. लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने नीरव की जमानत याचिका चौथी बार खारिज कर दी है. ऐसे में उसे अभी लंदन की जेल में दिन गुजरने होंगे.

नीरव मोदी बैंकों को 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाकर पिछले करीब 15 महीने से फरार

नीरव मोदी कई बैंकों को 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाकर पिछले करीब 15 महीने से फरार है. नीरव मोदी की साजिश की वजह से पीएनबी बैंक की आर्थिक रफ्तार रुक गई थी. शेयर लुढ़क कर जमीन पर पहुंच गया था. मामले का खुलासे होते ही हड़कंप मच गया था. इस बीच नीरव मोदी देश छोड़कर फरार हो गया. लेकिन तभी से भारत सरकार नीरव मोदी स्वदेश लाने की कोशिश में जुट गई थी. नीरव मोदी की लंदन में गिरफ्तारी हुई थी.

तीन बार खारिज हो चुकी है याचिका
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की कोर्ट नीरव मोदी की जमानत की अर्जी तीन बार खारिज कर चुकी है, क्योंकि उसको लगा है कि नीरव मोदी ब्रिटेन से भाग सकता है. नीरव मोदी की वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने उच्च न्यायालय में कहा, “हकीकत यह है कि नीरव मोदी विकिलीक्स के सह-संस्थापक जूलियन असांजे नहीं हैं , जिसने इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली है, बल्कि सिर्फ एक साधारण भारतीय जौहरी हैं.”

  • नीरव मोदी के वकील ने आगे कहा, ‘हकीकत यह है कि नीरव मोदी कोई दुर्दांत अपराधी नहीं है जैसा कि भारत सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है. वह एक जौहरी हैं और उन्हें ईमानदार और विश्वसनीय माना जाता है.’
नीरव मोदी पर हैं ये आरोप

नीरव मोदी पर आरोप है कि उसने घोटाले को अंजाम देने के लिए बैंक के कुछ कर्मचारियों को मिला लिया था. सीबीआई जांच में खुलासा हुआ है कि पैसों के लालच में पीएनबी के कुछ भ्रष्ट अफसर बिक गए थे.

  • नीरव मोदी के झांसे में आकर बैंक कर्मचारी अपने कंप्यूटर तक नीरव मोदी के कर्मचारियों को सौंप देते थे. इससे नीरव मोदी के कर्मचारी खुद ही लॉग-इन करते थे. इस घोटाले में पीएनबी के डिजिटल सिस्टम से छेड़छाड़ का पहले से ही अंदेशा था.
  • यही नहीं, नीरव मोदी ने 2011 में बिना तराशे हुए हीरे आयात करने को लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की एक ब्रांच से संपर्क साधा था. आमतौर पर बैंक विदेश से आयात को लेकर होने वाले भुगतान के लिए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) जारी करता है. लेकिन, बताया जाता है कि नीरव मोदी ने इन लेटर्स में भी घपला किया.
  • नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने साल 2011 से जितने भी LoU लिए, उनसे हासिल कर्ज को चुकाने के लिए फिर अगले वर्षों में नए LoU लिए और उनके माध्यम से कर्ज हासिल कर लिए. इस तरह एक LoU से कर्ज लेने और फिर इस कर्ज को चुकाने के लिए नए LoU हासिल करने के लिए पर्दे के पीछे पूरा गोरखधंधा चल रहा था. और यह सबकुछ 7 साल तक जारी रहा.

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