रेल मंत्री से मिले पंजाब के कांग्रेस व भाजपा नेता, पीयूष गोयल बोले- सरकार सुरक्षा का भरोसा दे तो चला देंगे ट्रेनें

चंडीगढ़। पंजाब में किसान संगठनों द्वारा रेलवे ट्रैक खाली करने के बाद कांग्रेस समेत पंजाब भाजपा ने भी रेल मंत्री पीयूष गोयल पर रेलगाड़ियां चलाने के लिए दबाव बढ़ा दिया है। वीरवार को पंजाब में रेलगाड़ियां चलाने की मांग को लेकर कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने अलग-अलग तौर पर रेल मंत्री से मुलाकात की।

रेल मंत्री से मिलने को लेकर कांग्रेस दो हिस्सों में बंट गई। पंजाब के आठ कांग्रेस सांसद व दो राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो अलग-अलग समय पर रेल मंत्री से मिले। रेल मंत्री गोयल ने कहा कि ने कहा कि पंजाब सरकार अगर रेलवे ट्रैक को खाली करने व रेलवे स्टाफ की सुरक्षा का भरोसा दे तो वह कल (शुक्रवार) से ही रेलगाड़ियां चला देंगे।

बाजवा-दूलो के बाद कांग्रेस सांसदों को मिलने का मिला मौका

रेल गाड़ियां चलाने को लेकर कांग्रे सांसद चार दिन से रेल मंत्री से मिलने के लिए समय मांग रहे थे। रेल मंत्री ने उन्हें एक बजे का समय दिया। कांग्रेस के आठ सांसद पीयूष गोयल के दफ्तर के बाहर बैठे थे, जबकि इससे पहले कांग्रेस के ही राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा व शमशेर सिंह दूलो रेल मंत्री से मिल लिए। इन दोनों सदस्यों ने करीब 40 मिनट तक रेल मंत्री से बात की।

इससे पहले भाजपा नेताओं का शिष्टमंडल रेल मंत्री से मिला। बाजवा और दूलो के बाद ही कांग्रेस सांसद गोयल से मिल सके। उन्होंने गाड़ियां न चलने के कारण पंजाब के वर्तमान हालात की बात करते हुए और तुरंत गाड़ियां चलाने की मांग की। पीयूष गोयल ने सभी से कहा कि राज्य सरकार सुरक्षा का भरोसा दे तो वह रेल गाड़ियां चलवा देंगे। रेल मंत्री ने उन्हें यह भी बताया कि इस संबंध में वह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र भी लिख चुके हैैं।

बिट्टू, चौधरी और औजला ने बीच में छोड़ी बैठक

कांग्रेस सांसदों परनीत कौर, मनीष तिवारी, चौधरी संतोख सिंह, रवनीत बिट्टू, गुरजीत औजला, डा. अमर सिंह, जसबीर डिंपा और मोहम्मद सदीक ने रेल मंत्री के समक्ष मुद्दा उठाया कि किसानों ने रेलवे ट्रैक खाली कर दिया है। मुख्यमंत्री भी मंगलवार को ही सुरक्षा का भरोसा दे चुके हैैं तो गाड़ियों का परिचालन तुरंत शुरू करवाया जाए। इसी दौरान सांसद बिट्टू, चौधरी व औजला ने रेल मंत्री के साथ चल रही बैठक बीच में ही छोड़ दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से भरोसा दिए जाने के बावजूद रेल मंत्री रेल गाड़ियां नहीं चला रहे है। वह गंभीर मुद्दे को सियासी नजरिये से देख रहे है, इसलिए उन्होंने बैठक बीच में छोड़ दी।

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