मोहन भागवत बोले- ‘राष्ट्रवाद’ शब्द में हिटलर की झलक, हिंदुत्व एजेंडे पर काम करेगा RSS

राष्ट्रवाद के मसले पर देश में चल रही एक बहस के बीच मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है. RSS प्रमुख का कहना है कि राष्ट्रवाद शब्द में हिटलर की झलक है, इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए.

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  • RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान
  • राष्ट्रवाद शब्द में हिटलर की झलक: भागवत
  • भारत ही कर सकता है दुनिया की अगुवाई

रांची। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने राष्ट्रवाद के मसले पर बड़ा बयान दिया है. मोहन भागवत का कहना है कि राष्ट्रवाद जैसे शब्द में नाज़ी और हिटलर की झलक दिखाई पड़ती है. झारखंड की राजधानी रांची में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान मोहन भागवत ने कहा कि RSS का विस्तार देश के लिए है क्योंकि हमारा लक्ष्य भारत को विश्वगुरू बनाना है.

राष्ट्रवाद शब्द के इस्तेमाल से बचें’

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रवाद जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. क्योंकि इसका मतलब नाज़ी या हिटलर से निकाला जा सकता है, ऐसे में राष्ट्र या राष्ट्रीय जैसे शब्दों को ही प्रमुखता से इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने इस वक्त ISIS, कट्टरपंथ और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे बड़ी चुनौती हैं.

भारत कर सकता है दुनिया की अगुवाई

यहां मोहन भागवत ने कहा कि विकसित देश क्या करते हैं, वो अपने व्यापार को हर देश में फैलाना चाहते हैं. इसके जरिए वो अपनी शर्तों को मनवाना चाहते हैं.

RSS प्रमुख ने कहा कि दुनिया के सामने जो बड़ी समस्याएं हैं, उनसे सिर्फ भारत ही निजात दिलवा सकता है ऐसे में हिंदुस्तान को दुनिया का नेतृत्व करने की सोचना चाहिए. देश की एकता ही असली ताकत है, इसका आधार अलग हो सकता है लेकिन मकसद समान ही है.

हिंदुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ेगा RSS’

हिंदुत्व के मसले पर RSS प्रमुख बोले कि हिंदू ही एक ऐसा शब्द है जो भारत को दुनिया के सामने सही तरीके से पेश करता है. भले ही देश में कई धर्म हों, लेकिन हर व्यक्ति एक शब्द से जुड़ा है जो हिंदू है. ये शब्द ही देश के कल्चर को दुनिया के सामने दर्शाता है. उन्होंने कहा कि संघ देश में विस्तार के साथ-साथ हिंदुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ता रहेगा जो देश को जोड़ने का काम करेगा.

संघ प्रमुख ने कहा कि हम सभी को मानवता के साथ जीना सीखना होगा, इसके लिए देश से प्यार करना जरूरी है. संघ में हम अपने कार्यकर्ताओं को इसी बारे में ज्ञान देते हैं.

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