मुंबई: जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ नरेश गोयल के घर पर ईडी ने मारा छापा
जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल से ईडी ने की पूछताछनरेश गोयल पर शेल कंपनियों के जरिए पैसों की हेराफेरी का आरोप
- जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ नरेश गोयल के घर पर ईडी ने मारा छापा
नई दिल्ली /मुंबई। जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल से बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ की. गोयल पर शेल कंपनियों के जरिए पैसों की हेराफेरी का आरोप है. इससे पहले भी नरेश गोयल से कई बार पूछताछ की जा चुकी है.
नरेश गोयल से इस मामले में ईडी अभी तक पाांच बार पूछताछ कर चुकी है. 2019 में ईडी ने नरेश गोयल की पत्नी से भी पूछताछ की थी. इससे पहले जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल से विदेशी विनिमय प्रबंधन एक्ट (FEMA) के उल्लंघन के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से लंबी पूछताछ की जा चुकी है.
बता दें कि 2019मार्च में गोयल ने एयरलाइंस के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया था. जेट एयरवेज ने नकदी के अभाव में 17 अप्रैल को एयरलाइंस के ऑपरेशन बंद कर दिए. इससे जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए. जांच एजेंसियों की ओर से नरेश गोयल के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया गया.
2019 में जांच के दौरान विदेशी बैंक खातों का पता चला था
ED का दावा है कि उसने अपनी जांच के दौरान कुछ ऐसे विदेशी बैंक खातों का पता लगाया जो कथित रूप से गोयल से जुड़े थे और उनमें भारी रकम जमा है. पूर्व में ED ने गोयल और उनके लंबे समय के सहयोगी हसमुख गार्डी के ठिकानों की तलाशी ली थी. इनमें जेट एयरवेज से जुड़े मुंबई और दिल्ली में 12 रिहाइशी परिसर शामिल थे.
ED के मुताबिक, जांच से संकेत मिलता है कि नरेश गोयल के विदेश स्थित कुछ बैक खातों के लाभार्थी मालिक होने की संभावना है जिनमें भारी रकम जमा है. एक सूत्र ने कहा, ‘पहली नजर में इन लेनदेनों में FEMA के तहत कई उल्लंघन हुए लगते हैं.’
पहले हो चुकी है फेमा के तहत ईडी की जांच
FEMA के तहत ED की जांच विभिन्न स्रोतों से हासिल खुफिया इनपुट्स और शिकायतों पर आधारित है. गोयल के कारोबारी साम्राज्य में निजी स्वामित्व वाली कंपनियां हैं, जिनमें से 14 कंपनियां भारत में और 5 कंपनियां भारत के बाहर रजिस्टर्ड हैं.
अपनी जांच के आधार पर एजेंसी का दावा है, ‘नरेश गोयल अप्रत्यक्ष रूप से विदेशों में विभिन्न संस्थाओं को नियंत्रित करते हैं, जिनमें से कुछ टैक्स हैवन में हैं. अब तक की गई प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि नरेश गोयल ने टैक्स छुपाने वाली विभिन्न योजनाएं तैयार की और उनसे अपनी घरेलू कंपनियों और विदेशी टैक्स न्यायक्षेत्र में आने वाली कंपनियों से जोड़ा. फिर संदिग्ध और फर्जी लेनदेनों से भारी रकम की विदेशी न्यायक्षेत्र वाले इलाकों में निकासी की.’
विदेशी-घरेलू परिसंपत्तियों को जानने की कोशिश
ED के मुताबिक, ये फर्जी और बढ़ा चढ़ाकर किए गए भुगतान विभिन्न एयरलाइंस लीज समझौतों और एयरक्राफ्ट मेंटनेंस समझौतों के तहत विदेश स्थित अपनी ही कंपनियों को किए गए.
ED अधिकारी ने कहा, ‘दुबई स्थित इस ग्रुप की कंपनी ने एयरलाइंस के एक्सक्लूसिव ओवरसीज जनरल सेल्स एजेंट (GSA) के तौर पर काम किया और इसी के जरिए मोटी कमीशन के नाम पर भारी रकम विदेश भेजी गई.’
जब्त दस्तावेज को खंगालने के जरिए ED गोयल से जुड़ी विदेशी और घरेलू परिसंपत्तियों के बारे में अधिक जानने की कोशिश कर रही है.
बता दें कि इस साल मार्च में, गोयल ने एयरलाइंस के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया. जेट एयरवेज ने नकदी के अभाव में 17 अप्रैल को एयरलाइंस के ऑपरेशन बंद कर दिए. इससे जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए. जांच एजेंसियों की ओर से नरेश गोयल के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया गया.