बिहार: पीएम नरेंद्र मोदी के लिट्टी चोखा की तस्वीर पर नेताओं ने ऐसे दी प्रतिक्रिया

बिहार के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लिट्टी चोखा खाने वाली तस्वीर पर अपनी प्रतिक्रिया ट्विटर के जरिए दी है.

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 10 सालों से लगातार कह रहे हैं कि हमारा सपना है कि हर हिंदुस्तानी की थाली में बिहार का एक व्यंजन हो. देश के हर कोने में बिहारी भोजन भले ना पहुंचा हो लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की थाली में बिहारियों की शान लिट्टी चोखा पहुंच ही गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक दिल्ली के एक हाट में पहुंचकर सबको चौंकाया और फिर लिट्टी चोखा का स्वाद चखकर सबको हैरान कर दिया.

 

भोजपुरी फिल्मों के स्टार और गायक मनोज तिवारी ने लिट्टी चोखा को तो अपने गाने में शुमार कर इसकी शान और बढ़ा दी थी. उनके गाने का बोल हैं, “ऐ इंटरनेशनल लिट्टी-चोखा जे खईलस ना कईलस धोखा, यूपी चाहे बिहार में,गाड़ के झंडा आ ही गइल संसार में.”

 

मनोज तिवारी दिल्ली में तो बिहार यूपी के लोगों को लुभा नहीं पाए लेकिन पीएम मोदी अब बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लिट्टी चोखा खाकर ये संदेश दे दिया है कि बिहारियों के खास भोजन के वो भी प्रशंसक हैं. अब तक लालू यादव लिट्टी चोखा का बखान करते थे लेकिन लिट्टी चोखा और धोखा की राजनीतिक तुकबंदी शुरू हो गई है. एक और गाना मशहूर हुआ है. गाने के बोल हैं, ”लिट्टी चोखा खाएंगे मोदी को जिताएंगे. हालांकि इसका ओरिजिनल धुन थी, “नून रोटी खाएंगे जिंदगी संग बिताएंगे”. अब ये बदलकर लिट्टी चोखा हो गया.

 

मोदी जी के लिट्टी चोखे खाने वाली फोटो की सब तारीफ कर रहे हैं. वहीं विपक्ष इसे धोखा के रूप में देख रहा है. लालू के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने सबसे पहले इसको लेकर ट्वीट किया. तेजप्रताप यादव ने ट्विटर पर लिखा, ” कतनो खईब लिट्टी चोखा, बिहार ना भुली राउर धोखा.”

तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया लेकिन इसके साथ बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात की. तेजस्वी ने अंग्रेजी में ट्वीट किया.

आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर मोदी और नीतीश दोनों पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा,” आपको बिहार की याद आई इसके लिए सहर्ष आभार ! उम्मीद है कि बिहार आने से पूर्व बकाया भुगतान कर देंगे.”

बता दें कि जिस वक्त पीएम मोदी लिट्टी चोखा खा रहे थे ठीक उसी वक्त बिहार के सीएम नीतीश कुमार किसानों के साथ बैठक कर रहे थे और बिहारी भोजन को हिंदुस्तान के कोने कोने में मशहूर करने की बात कह रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के 89 प्रतिशत लोग गांव में निवास करते हैं, जिसमें 76 प्रतिशत लोगों की आजीविका का आधार कृषि है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.