फांसी घर में यह बात कहना चाहता था पवन जल्लाद, लेकिन इसलिए रहा खामोश

पड़ोसी दिव्यांशू बताता है कि पवन जल्लाद (Pawan jallad) अपनी जाति ढेह छाज को लेकर परेशान है.

नई दिल्ली. तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में फांसी (Hanging) का लीवर खींचने से पहले 5 मिनट के लिए पवन जल्लाद (Pawan Jallad) कुछ कहना चाहता था. वहां खड़े तमाम अधिकारियों के जरिए सरकार तक एक मैसेज भेजना चाहता था. लेकिन साइबर कैफे (Cyber Cafe) चलाने वाले उसके पड़ोसी ने उसे ऐसा करने से मना कर दिया. खुद पवन को भी लगा कि देश के इतने बड़े मुद्दे पर ऐसा करना उसे परेशानी में डाल सकता है. पड़ोसी दिव्यांशू बताता है कि पवन जल्लाद अपनी जाति ढेह छाज को लेकर परेशान है.

यह है पवन जल्लाद की जाति से जुड़ा मुद्दा

निर्भया गैंगरेप से जुड़े सभी चार गुनहगारों को फांसी देने वाले पवन जल्लाद के पड़ोसी दिव्यांशू ने मेरठ से न्यूज़18 हिंदी को फोन पर बताया कि पवन कुमार ढेह छाज जाति के हैं. लेकिन उनकी परेशानी यह है कि आजतक उनकी जाति को एससी का दर्जा नहीं मिला है. इसी के चलते जब कुछ वक्त पहले प्राकृतिक आपदा के चलते उनका मकान गिर गया था तो उन्हें किसी भी तरह की कोई सरकारी मदद नहीं मिली. इतना ही नहीं स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले उनके बच्चों को भी वहां कोई फायदा नहीं मिला. इसी के चलते मजबूरी में उन्हें दूसरी जातियों में शामिल होना पड़ता है.

राष्ट्रपति और पीएम-सीएम को लिखा लैटर

साइबर कैफे चलाने वाले दिव्यांशू बताते हैं कि जब पवन कुमार जल्लाद को कोई रास्ता नहीं सूझा तो उन्होंने प्रार्थना पत्र का सहारा लिया. कुछ दिन पहले ही उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेन्द्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों को एक पत्र लिखा है. पत्र में ढेह छाज जाति को एससी का दर्जा और उसके लाभ देने की मांग की गई है. लेकिन अभी तक पत्र के जवाब में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला है.

PM मोदी के इस अभियान प्रभावित है पवन जल्लाद

पवन जल्लाद ने कहा, ‘पीएम मोदी ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान शुरू किया है. इस अभियान से बेटियों को बहुत मदद मिली है. अब बेटियों के साथ कहीं भी कुछ भी बात होती है तो तुरंत ही उनकी सुनवाई होती है. समाज में भी अब लोग समझने लगे हैं कि बेटी को बचाएंगे तभी हमारा समाज भी सुरक्षित रहेगा.’ निर्भया केस के दोषियों की फांसी के बारे में पवन का कहना है, ‘एक बेटी के साथ गलत काम करने वालों को फांसी देकर मुझे लगेगा कि प्रधानमंत्री मोदी के अभियान ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ में मुझे भी एक कदम चलने का मौका मिला’.

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