पिछले साल सरकार ने नहीं छापी 2000 रुपये की एक भी नोट, जानिए क्या है प्लान

वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Singh Thakur) ने सोमवार को लोकसभा में 2,000 रुपये के नोटों की छपाई के बारे में जानकारी दी है.

नई दिल्ली. अगर आप भी इस बात को लेकर पेरशान है कि सरकार अब 2,000 रुपये के नोट बंद करने वाली है तो चिंता न करें. सोमवार को सरकार ने इसका जवाब दे दिया है. 31 मार्च को खत्म होने वाले चालू वित्त वर्ष में 2,000 रुपये के एक भी नोट की छपाई नहीं हुई है. हालांकि, 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद करने को लेकर केंद्र सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है.

वित्त राज्य मंत्री ने लोकसभा में जवाब दिया

सोमवार को वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Singh Thakur) ने लोकसभा (Loksabha) में एक सवाल के​ लिखित जवाब में यह जानकारी दी है. अनुराग सिंह ठाकुर ने यह भी साफ किया है कि 2,000 रुपये के सर्कुलेशन से वापस लेने की कोई योजना नहीं है.

क्यों नहीं हुई 2 हजार रुपये के नोटों की प्रिंटिंग
2,000 रुपये के नोटों की छपाई के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने जवाब दिया कि किसी भी विशेष बैंक नोट की छपाई का फैसला RBI से बातचीत करने के बाद लिया जाता है. वित्त वर्ष 2019-20 में 2,000 रुपये की कोई जरूरत नहीं बनी, इसलिए इसकी छपाई नहीं की गई. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि दो हजार रुपये के नोट को बाजार से वापस लेने की कोई योजना नहीं है.

​अब तक 2,000 रुपये के कितने नोटों की छपाई हुई
इस जवाब के मुताबिक, अभी तक 7.4 लाख करोड़ रुपये की कीमत तक 2,000 रुपये के नोटों की छपाई की गई है. यह आंकड़ा 5 मार्च 2020 तक का है. 2,000 करोड़ रुपये फेसवैल्यू वाले 2,000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में है. वहीं, 0.93 लाख करोड़ रुपये की फेसवैल्यू वाला 2,000 रुपये का नोट करंसी चेस्ट्स में है.

क्यों ATM में घटाई जा रही 2,000 रुपये के नोटों की संख्या
ठाकुर ने बताया कि बाजार में 500 और 200 रुपये के नोटों की अधिक सर्कुलेशन और ग्राहकों को 2,000 रुपये के नोटों को लेकर होने वाली समस्या को देखते हुए कुछ बैंकों ने अपने एटीएम में बदलाव करने का फैसला लिया है. इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन बैंक हैं. इन बैंकों ने अपने एटीएम में 500 और 200 रुपये के नोटों की संख्या को बढ़ाया है.

इन बातों के आधार पर होती है नोटों की छपाई
उन्होंने बताया कि किसी भी नोट को छापने का फैसला कई बातों को ध्यान में रखने के बाद लिया जाता है. इनमें महंगाई दर, जीडीपी ग्रोथ, कटे-फटे नोटों को रिप्लेस करने और जरूरी रिजर्व स्टॉक जैसी बातें शामिल होती हैं.

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