पटियाला. यहां रविवार को पुलिस ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का सरकारी आवास मोती महल घेरने जा रहे टीईटी पास बेरोजगारों पर लाठीचार्ज किया। घटना उस वक्त की है, जब दोपहर में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने नेहरू पार्क में घेर लिया था और ये लोग तार फांदकर मोती महल की तरफ बढ़ रहे थे। इसी दौरान दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की की नौबत आ गई और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। दिनभर हंगामा जारी रहा, वहीं शाम को प्रदर्शनकारियों ने भाखड़ा नहर में छलांग लगानी शुरू कर दी। खबर लिखे जाने तक दो प्रदर्शनकारी बेरोजगार नहर में कूदे और इन दोनों को बचा लिया गया था। इसके अलावा कई और भी नहर से गुजरते रेलवे ट्रैक की रेलिंग पर बैठ गए थे।
पिछले साल की 4 सितंबर से संगरूर में यह प्रदर्शनकारी रोजगार की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। इनकी मांग है कि प्राथमिक स्कूलों में जितनी भी पोस्ट खाली पड़ीं हैं, उन सभी को भरा जाए। जो टीईटी पास के लिए एक और पेपर लागू किया गया है, उसे तुरंत रद्द किया जाए और भर्ती पहले की तरह टीईट की मेरिट पर की जाए और उम्र की सीमा 37 से 42 साल की जाए।
इसी के चलते बेरोजगारों ने 8 मार्च को मोती महल घेरने का ऐलान किया था। पहले से किए गए ऐलान के मुताबिक रविवार दोपहर जब बेरोजगार नेहरू पार्क में इकट्ठा हुए तो पुलिस ने घेराबंदी कर ली थी। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी बेरोजगारों ने तार फांदकर मोती महल की तरफ बढ़ना शुरू किया तो रास्ते में ही पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की नौबत आ गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए उन पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी। इस दौरान काफी संख्या में प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
इस बारे में सूबा प्रधान दीपक कंबोज ने कहा कि पंजाब में 12000 पद खाली हैं और 14136 टीईट पास अध्यापक हैं। एक तरफ सरकार जल्दी 58 साल में रिटायरमेंट करके पोस्टें खाली कर रही है और दूसरी तरफ जब रोजगार की मांग करने वाले युवाओं पर लाठीचार्ज कर रही है।