लखनऊ. रामपुर से सपा सांसद एवं पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खान (Azam Khan) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सपा सरकार में हुई जल निगम भर्ती घोटाले की जांच कर रही एसआईटी (SIT) ने आजम खान को दोषी माना है. आजम पर आरोप है कि 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता समेत कुल 1300 पद थे, जिनकी भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता बरती गई. आजम के खिलाफ आरोप है कि साल 2016-17 में जल निगम के भर्ती बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए उनके द्वारा 1300 पदों पर भर्ती में गड़बड़ी की गई. यूपी में योगी सरकार आने के बाद इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी.
मामला सामने आने के बाद योगी सरकार ने जेई और क्लर्क की भर्तियों को रद्द कर दिया था. इस मामले में पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खान के अलावा नगर विकास सचिव रहे एसपी सिंह, जल निगम के पूर्व एमडी पीके आसुदानी, जल निगम के तत्कालीन मुख्य अभियंता अनिल खरे के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. एसआईटी सभी अधिकारियों से लंबी पूछताछ कर चुकी है. अब एसआईटी की जांच प्रकिया पूरी हो चुकी है, जिसमें आजम खान को दोषी माना गया है. एसआईटी की जांच में भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह दोषपूर्ण पाई गई है. फिलहाल एसआईटी ने जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी दी है.
चार साल पहले निकली थी वेकेंसी
मालूम हो कि सपा के शासनकाल में वर्ष 2016 के अंत में हुई जल निगम में 1300 पदों पर वैकेंसी निकली थी. इसमें 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता, 335 नैतिक लिपिक और 32 आशुलिपिक की भर्ती हुई थी. जल निगम विभाग के ही कुछ अधिकारियों ने इस संबंध में धांधली की शिकायत की थी, जिसके बाद जांच शुरू हुई. सरकार इस मामले में 122 सहायक अभियंताओं को पहले ही बर्खास्त कर चुकी है. बाद में यह जांच सरकार ने एसआईटी को सौंप दी थी. एसआईटी ने इस मामले में आजम खां समेत डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की थी, जिसमें पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह भी शामिल थे. बता दें कि एसपी सिंह ने हाल ही में भाजपा का दामन थामा है.