चंडीगढ़ . अब तक नवरात्राें में मंदिराें में मां के दर्शनाें के लिए भक्ताें की भीड़ रहती थी। लेकिन इस बार काेराेना के बढ़ते कदमाें काे देखते हुए मां के भक्ताें काे मंदिराें में महामाई के दर्शन करने का माैका नहीं मिल सकेगा। यहां तक कि हिमाचल के बड़े मंदिराें में भी भक्त अाॅनलाइन ही दर्शन कर सकेंगे। माता मनसा देवी के दर्शना के लिए देश के काेने-काेने से भक्त पंहुचते थे लेकिन इस बार वे माता मनसा देवी मंदिर के दर्शन अाॅनलाइन ही कर सकेंगे। शहर के पंडिताें की माने ताे चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्र प्रारंभ होते हैं अबकी बार प्रतिपदा 25 मार्च को पड़ेगी। प्रतिपदा 24 मार्च को 14:58 बजे प्रारंभ होगी एवं 25 मार्च को 17:27 बजे तक रहेगी। रेवती नक्षत्र एवं ब्रह्म योग होगा, चंद्रमा मीन राशि के होंगे। इसी दिन से नया संवत् भी प्रारंभ होगा। पंडिताें अाैर ज्याेतिषयाें की मानें ताे नवरात्रे अबकी बार पूरे होंगे, इन नवरात्रों में कई शुभ योग बन रहे हैं। 26 एवं 30 मार्च व 2 अप्रैल को सर्वार्थ सिद्धि योग है। प्राचीन खेड़ा शिव मंदिर सेक्टर-28 के पंडित ईश्वर चंद्र शास्त्री का कहना है कि 2 अप्रैल को गुरु-पुष्य योग भी है। इन सभी विशेष योगों में कोई भी कार्य प्रारंभ करने से सिद्धि प्राप्त होती है यानि की कार्य में लाभ होता है।
27 मार्च व 29 मार्च को रवि योग है। बुधवार के दिन अष्टमी होने से बुधाष्टमी योग अति उत्तम है जोकि पद प्रतिष्ठा के लिए अच्छा है। नवरात्रों में दुर्गा मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री शामिल हैं।
दुर्गा अष्टमी: 1 अप्रैल को श्री दुर्गा अष्टमी एवं 2 अप्रैल को श्री राम नवमी पड़ेगी। नवरात्रि में छोटी कन्याओं के चरण धोकर पूजा करें, रोली से तिलक लगाएं, दाएं हाथ में मौली बांधें व प्रसाद दक्षिणा इत्यादि भेंट दें। नए संवत का नाम प्रमादी है अतः पूजा में संकल्प करते समय पर प्रमादी नामक संवत्सर का उच्चारण करें। बुधवार के दिन नया संवत् प्रारंभ हो रहा है अतः इस वर्ष के राजा बुद्ध होंगे एवं मंत्री चंद्रमा होंगे।नए संवत् के दिन अपने अपने घरों में स्वास्तिक चिन्ह बनाएं एवं घर के शिखर पर ध्वजा लगाएं। गौशाला में जाकर गौ माता के दर्शन, परिक्रमा एवं प्रणाम करें तथा गौ सेवा करें।
अबकी बार 4 स्वार्थ सिद्धि याेग… ज्याेतिषचार्य मदन गुप्ता सपाटू का कहना है कि इस वर्ष अभिजीत मुहूर्त 11.58 से 12.49 है, जो ज्योतिष शास्त्र में स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना गया है, परंतु मिथुन लग्न में पड़ रहा है अत: इस लग्न में पूजा तथा कलश स्थापना शुभ होगा। अत: घटस्थापना 10.49 से 13.15 तक कर लें,तो शुभ होगा। 1 इस अवधि में पड़ने वाले ,4 सर्वार्थ सिद्धि योग, 4 रवि योग तथा एक गुरु पुष्य योग शुभ बना रहे हैं। चैत्र नवरात्र हर वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होते हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि 24 मार्च दोपहर 2:57 बजे से शुरु हो रहे हैं। चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 24 मार्च दोपहर 2:57 बजे से शुरु होकर 25 मार्च दोपहर 5:26 बजे तक रहेगी। इस बार चैत्र नवरात्रि के व्रत में किसी भी तिथि का क्षय नहीं है। भक्त पूरे नौ दिनों तक मां की पूजा अर्चना और व्रत कर पाएंगे।