चर्चित नारों की कहानी / अबकी बारी… नारे से अटल बिहारी वाजपेयी ने कांग्रेस से छीनी सत्ता

इस नारे ने कांग्रेस को ऐसा झटका दिया कि वाजपेयी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर जा बैठे। 1991 में 120 सीट जीतने वाली भाजपा 1996 के चुनाव में 161 सीटों पर जीती। अटलजी पीएम बने लेकिन बहुमत नहीं जुटा सके। उनकी सरकार 13 दिन में गिर गई। इसके बाद नेशनल फ्रंट की सरकार बनी।

0 328,595

नई दिल्ली। 1977 में जब इमरजेंसी हटी और चुनाव हुए। इनमें लोगों ने इंदिरा गांधी को सत्ता से बेदखल कर दिया। मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बनें लेकिन उनकी गठबंधन सरकार लंबे समय तक नहीं चली। कांग्रेस के सहयोग से चौधरी चरण सिंह पीएम बने लेकिन चुनाव आ गए। 1980 में हुए चुनावाें में इंदिरा गांधी फिर सत्ता में आईं। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या हो गई। इसके बाद राजीव गांधी पीएम बने।

  • 1984 के चुनावों में राजीव गांधी सहानुभूति की लहर पर सवार होकर फिर पीएम बने थे। लेकिन 5 साल बाद उनकी लोकप्रियता कम हो गई।
  • 1989 में हुए चुनावों में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई। भाजपा के सहयोग से बनी वीपी सिंह सरकार 5 साल से पहले ही गिर गई। कांग्रेस की मदद से चंद्रशेखर पीएम बने और 1991 में फिर चुनाव हुए। इसमें कांग्रेस सरकार बनी और नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने।

इमरजेंसी के बाद 1996 आते-आते देश 7 पीएम देख चुका था। कई पीएम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी की भ्रष्टाचार मुक्त छवि को मुद्दा बनाया। लखनऊ की रैली में नारा आया ‘सबको देखा बारी-बारी, अबकी बार अटल बिहारी’। देखते ही देखते यह नारा भाजपा कार्यकर्ताओं की जुबान पर चढ़ गया।

  • असर: इस नारे ने कांग्रेस को ऐसा झटका दिया कि वाजपेयी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर जा बैठे। 1991 में 120 सीट जीतने वाली भाजपा 1996 के चुनाव में 161 सीटों पर जीती। अटलजी पीएम बने लेकिन बहुमत नहीं जुटा सके। उनकी सरकार 13 दिन में गिर गई। इसके बाद नेशनल फ्रंट की सरकार बनी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.