कोरोना पर सरकार / देश में अब तक 60 हजार 490 मरीज स्वस्थ हुए; संक्रमण से मौतों की दर 2.87%, यह दुनिया में सबसे कम
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया- हर रोज 1.1 लाख सैंपल की जांच कर रहे, देश में इस वक्त 612 लैब हैं ‘भारत में कोरोना का रिकवरी रेट लगातार सुधर रहा है, अभी यह 41.61%’
नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश में कोरोना संक्रमण की जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के 60,490 मरीज ठीक हो चुके हैं। हमारा रिकवरी रेट लगातार सुधर रहा है। यह अभी 41.61% है। एक मई को रिकवरी रेट 25.37% थी। मौतों की दर भी भारत में बाकी दुनिया के मुकाबले सबसे कम है। यह रेट सिर्फ 2.87% है।
अग्रवाल ने यह भी बताया कि हर रोज 1.1 लाख सैंपल की जांच कर रहे हैं। देश में इस वक्त 612 लैब हैं। इनमें 430 सरकारी और 182 प्राइवेट हैं। हमने लैब और टेस्टिंग की क्षमताएं बढ़ाई हैं। कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की तुरंत टेस्टिंग और एसिम्प्टोमिक मरीजों को होम क्वारैंटाइन करने के लिए राज्यों को गाइडलाइन जारी कर चुके हैं।
लॉकडाउन से भारत को काफी फायदा हुआ
अग्रवाल के मुताबिक, दुनिया में प्रति एक लाख आबादी में 4.4 मौतें हुईं, जबकि भारत में प्रति एक लाख पर 0.3 मौतें हुईं। यह आंकड़ा भी दुनिया में सबसे कम है। और इसकी सबसे बड़ी वजह लॉकडाउन का सही वक्त पर लगाया और कोरोना को लेकर हमारा प्रबंधन है।
आईसीएमआर ने ताकीद भी दी
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर)के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव के मुताबिक, ‘‘हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा खाली पेट न लें, बल्कि कुछ खाने के बाद लें। कोरोना के इलाज के दौरान एक ईसीजी भी करवा लेना चाहिए। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के फायदों को देखते हुए इसे फ्रंटलाइन वर्कर्स को लेने भी इजाजत दी गई है।’’
भार्गव ने यह भी बताया कि कभी पुणे में एक टेस्टिंग लैब थी, अब देशभर में 430 सरकारी और 182 प्राइवेट लैब्स हैं। बीते 3 महीने में हमने कोरोना टेस्टिंग की क्षमता जबर्दस्त बढ़ाई है।