इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई है। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह सोशल डिस्टेंसिंग और फेस मास्क के नियमों का सख्ती से पालन कराएं। अगर लोग बगैर मास्क निकल रहे हैं तो ड्रोन से उन पर नजर रखी जाए।
राज्य में अब तक 1.8 करोड़ लोगों की जांच हो चुकी है। इनमें 5 लाख 31 हजार लोग संक्रमित पाए गए हैं। अब तक 4 लाख 99 हजार 507 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 23 हजार 928 मरीजों का इलाज चल रहा है। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 7615 हो गई है।
पंजाब में एक दिसंबर से नाइट कर्फ्यू
पंजाब सरकार ने प्रदेश के सभी शहरों में 1 दिसंबर से नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को इसका ऐलान किया। यह कर्फ्यू रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा। इसके अलावा कोरोना से जुड़े नियम तोड़ने पर 1000 रुपए फाइन लगाया जाएगा। सभी होटल, रेस्टोरेंट और वेडिंग वेन्यू रात साढ़े 9 बजे तक बंद करने होंगे।
राज्य सरकार 15 दिसंबर को इन फैसलों की समीक्षा करेगी। पंजाब में अब तक कोरोना के 1,47,665 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 6,834 एक्टिव केस हैं। वायरस से अब तक 4,653 मौतें हुई हैं। लुधियाना में मरीजों की तादाद सबसे ज्यादा है। इससे पहले मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान सरकार ने भी अपने यहां कुछ शहरों में नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया था।
24 घंटे में 44 हजार 245 नए मरीज मिले
देश में मंगलवार को 44 हजार 245 नए मरीज मिले। 489 मरीजों ने दम तोड़ दिया। इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 24 घंटे में 5 हजार 983 बढ़ी। यह 27 सितंबर के बाद सबसे ज्यादा है। तब 7 हजार 29 एक्टिव केस बढ़े थे। देश में अब तक कोरोना संक्रमण के 92.21 लाख केस आ चुके हैं। 86.41 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं। 1.34 लाख संक्रमितों की मौत हो चुकी है और 4.43 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है। ये सभी आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं।
कोरोना अपडेट्स
- महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए आज से नए नियम लागू होने जा रहे हैं। राज्य में दिल्ली, एनसीआर, राजस्थान, गुजरात और गोवा से आने वाले लोगों को बिना कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के राज्य में एंट्री नहीं मिलेगी।
- कांग्रेस के सीनियर लीडर अहमद पटेल का बुधवार तड़के दिल्ली में निधन हो गया। उनके कई अंदरूनी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। वे 1 अक्टूबर को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। तब से ही उनका इलाज चल रहा था।
- दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं मिलती तब तक दिल्ली में स्कूल खुलना मुश्किल है। सिसोदिया ने एक इंटरव्यू में कहा, ”दिल्ली में इस वक्त कोरोना की तीसरी लहर चल रही है और यह सबसे खतरनाक है। इस दौरान संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा है। ऐसे समय में कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने का खतरा मोल नहीं लेगा। स्कूल खोलने का मतलब है बच्चों को कोरोना के मुंह में ढकेलना।”
- महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मंगलवार को कहा कि राज्य में फिलहाल फिर से लॉकडाउन लगाने के बारे में कोई विचार नहीं हैं। संक्रमण के रोकथाम के लिए कोविड नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए ठोस कदम जरूर उठाए जाएंगे। इसके लिए गाइडलाइन जारी की जा सकती है।
- सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस की जांच के लिए RT-PCR टेस्ट की दर तय करने के लिए केंद्र, राज्य और केंद्र-शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट में इसके लिए एक याचिका दायर हुई है। इसमें कहा गया है कि देश में RT-PCR टेस्ट की कीमत 400 रुपए तय की जाए। इससे लोगों को फायदा मिलेगा और ज्यादा जांच भी हो सकेंगी।
वैक्सीन के साइड इफेक्ट से निपटने के लिए राज्य सरकार तैयार रहें: स्वास्थ्य मंत्रालय
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अच्छी खबर आई है। अगले दो से तीन महीनों में देश को असरदार वैक्सीन मिल सकती है। केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पर फोकस करना शुरू कर दिया है। सरकार ने मंगलवार को सभी राज्यों को इसके लिए पत्र भेजा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. मनोहर अगनानी ने राज्यों से कहा कि वैक्सीनेशन के कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इससे निपटने के लिए सभी राज्य सरकारें अपने यहां तैयारियां करें। मंत्रालय ने साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए कई अहम जानकारियां भी दी हैं। इसमें कहा गया है कि एडवर्स इवेंट्स फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) सर्विलांस सिस्टम को और मजबूत बनाने पर काम किया जाए ताकि वैक्सीनेशन समय पर हो सके।
सभी राज्य और केंद्र शासित राज्यों को क्या करना होगा?
- मेडिकल स्पेशलिस्ट और पीडियाट्रिशियन को जिला स्तर के AEFI कमेटी में शामिल करें।
- AEFI कमेटी में न्यूरोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, सांस रोग के एक्सपर्ट को शामिल करें।
- वैक्सीन सबसे पहले उन बुजुर्गों को दी जानी है जिन्हें स्ट्रोक, हार्ट अटैक और सांस की बीमारियां हैं।
- सभी राज्य को अपने यहां अलग-अलग मेडिकल कॉलेज का चयन करना होगा, जिनके टेक्निकल सपोर्ट से वैक्सीनेशन का काम होगा।
- स्वास्थ्यकर्मियों को ट्रेनिंग देने के लिए AEFI कमेटी को तैयार करना होगा।
- देशभर में 300 मेडिकल कॉलेज और टेरिटरी केयर हॉस्पिटल हैं, जहां वैक्सीन के ड्रग रिएक्शन मॉनिटरिंग सिस्टम हैं। इन सेंटर्स से संपर्क करना होगा।