कट मनी लेने पर आरोपी बनाएगी पश्चिम बंगाल सरकार, हो सकती है उम्र कैद

पश्चिम बंगाल में कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से कट मनी लेने पर अब खैर नहीं. दरअसल, अब राज्य सरकार कट मनी लेने वाले निर्वाचित जन प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को कड़े कानून के तहत आरोपी बनाएगी. जिसमें दोषी पाए जाने पर उम्र कैद का प्रावधान है.

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सोशल वेलफेयर पॉलिसी के लाभार्थियों से ‘कट मनी’ लेने वाले चुने गए जन प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को अब एक कड़े कानून के तहत आरोपी बनाया जाएगा, जिसमें दोषी ठहराये जाने पर आजीवन कारावास का प्रावधान है.

धारा 409 के तहत आरोपी बनाया जाएगा

कट मनी मामले में दोषी पाए जाने वाले जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत आरोपी बनाया जाएगा जो कि लोकसेवक, बैंकर, एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वास हनन से संबंधित है.

आजीवन कारावास की सजा या जुर्माने के अलावा 10 वर्ष तक के कारावास की सजा

इस कानून के तहत दोषी ठहराया जाने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा या जुर्माने के अलावा 10 वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती है. यह निर्णय पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में हंगामे के बाद लिया गया है, जिसमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को भीड़ ने घेर लिया था और उनसे  ‘कट मनी’ वापस करने की मांग की थी.

कट मनी लेकर सरकार की ओर से संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने का वादा किया

कुछ नेताओं ने कट मनी लेकर सरकार की ओर से संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने का वादा किया था. ममता बनर्जी ने 18 जून को तृणमूल पार्षदों की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्हें आदेश दिया था कि वे लाभार्थियों से लिया गया ‘कट मनी’ का कमीशन वापस करें.

  • हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया गया था कि सीएम ममता बनर्जी ने कथित तौर पर पुलिस से कहा है कि वे पीड़ितों को इसके लिए प्रोत्साहित करें कि वे ऐसे नेताओं और लोकसेवकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएं.
ममता बनर्जी ने कहा था कि वह अपनी पार्टी में चोरों को नहीं रखना चाहती

उन्होंने पुलिस से कथित तौर पर यह भी कहा है कि वे आम लोगों को प्रताड़ित न करें. हाल ही में संपन्न एक मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि वह अपनी पार्टी में चोरों को नहीं रखना चाहती हैं. कुछ नेता ऐसा दावा कर रहे हैं कि गरीब लोगों को घर दिलाने के लिए 25 फीसदी कट मनी ले रहे हैं. यह तत्काल प्रभाव से रोकी जानी चाहिए.

तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे

सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से ‘कट मनी’ लिए जाने को लेकर पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच बीरभूम जिले के एक स्थानीय टीएमसी नेता ने सरकारी योजनाओं के 100 से ज्यादा लाभार्थियों को करीब 2.25 लाख रुपये लौटा दिए हैं। वहीं सूत्रों की मानें, तो पश्चिम बंगाल में ‘कट मनी’ वसूली को देखते हुए ममता सरकार एक कड़ा कानून लाने जा रही है, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास का प्रावधान होगा।

141 से ज्यादा लाभार्थियों से ‘कट मनी’ के तौर पर यह पैसे लिए

जिला मुख्यालय नगर सूरी के बाहरी इलाके में तृणमूल कांग्रेस के बूथ अध्यक्ष त्रिलोचन मुखोपाध्याय ने 141 से ज्यादा लाभार्थियों से ‘कट मनी’ के तौर पर यह पैसे लिए थे। पैसे वापस करने के साथ ही त्रिलोचन ने लोगों से माफी भी मांग ली है। मुखोपाध्याय ने कहा, ‘मैंने लोगों से माफी मांग ली है और धनराशि वापस कर दी। मैं वादा करता हूं कि मैं यह दोबारा नहीं करूंगा।’ कुछ दिनों पहले ही स्थानीय लोगों ने त्रिलोचन के घर से बाहर प्रदर्शन किया था और ‘कट मनी’ के रूप लिए हुए पैसे वापस करने की मांग कर रहे थे। इसके बाद ग्राम पंचायत की बैठक में त्रिलोचन को पैसे लौटाने के लिए कहा गया।

स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि मनरेगा में काम करने वाले लोगोें के खातों में लगभग 2.41 लाख रुपये बतौर मेहनताना जमा किए गए थे। उनका दावा था कि मुखोपाध्याय ने सभी से पैसे जबरदस्ती ले लिए थे। टीएमसी ब्लॉक अध्यक्ष नुरुल इस्लाम ने कहा कि यह सिर्फ तीन-चार दिन काम करने वाले लाभार्थियों को भुगतान करने का एक अच्छा तरीका है, लेकिन मीडिया का एक वर्ग इसे गलत तरीके से पेश करने की कोशिश कर रहा है।

अब खबर है कि पश्चिम बंगाल में कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से ‘कट मनी’ वसूलने वाले निर्वाचित जन प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को अब एक कड़े कानून के तहत आरोपी बनाया जाएगा जिसमें दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास का प्रावधान है। यह बात मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने मंगलवार को कही। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि ‘दोषी’ जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को आईपीसी की धारा 409 के तहत आरोपी बनाया जाएगा जो कि लोकसेवक, बैंकर, एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वास हनन से संबंधित है।

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