उप्र / प्रियंका लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा करेंगी, कांग्रेस में बड़े बदलाव के आसार
प्रियंका गांधी दो दिन के दौरे पर 7 जून को प्रयागराज पहुंचेंगी, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को उप्र में केवल 1 सीट मिली, 2014 में उसे 2 सीटें मिली थीं
लखनऊ. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा करेंगी। प्रियंका 7 जून की शाम दो दिन के दौरे पर प्रयागराज पहुंचेंगी और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात करेंगी। अगले दिन 8 जून को वे पूर्वांचल के 40 पार्टी उम्मीदवारों से मिलेंगी, िजन्हें चुनाव में हार मिली। बताया जा रहा है कि इस समीक्षा के बाद पार्टी में बड़े बदलाव हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल 1 सीट पर जीत मिली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यहां अमेठी सीट पर हार गए। उधर, भाजपा ने 62 और सपा-बसपा गठबंधन ने 15 सीटें हासिल कीं।
जिलाध्यक्षों से भी मुलाकात करेंगी प्रियंका
राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका को उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल का जिम्मा सौंपा था। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, प्रियंका इन जिलों के सभी पार्टी अध्यक्षों से भी हार के कारणों को जानने की कोशिश करेंगी। माना जा रहा है कि मुलाकात और सवाल-जवाब के इस दौर के बाद पार्टी भविष्य की रणनीति और बदलावों पर फैसला लेगी।
अमेठी में प्रियंका-सोनिया के करीबी कर रहे समीक्षा
लोकसभा चुनाव में राहुल परंपरागत सीट अमेठी में हार गए। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका के करीबियों को इस हार की समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अमेठी से तीन बार सांसद रहे राहुल को इस बार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।
राहुल ने कहा था- मौजूदा वक्त ब्रिटिश काल जैसा, पर हम जीतेंगे
1 जून को दिल्ली में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया को संसदीय दल का नेता चुना गया था। इस दौरान राहुल ने कहा था कि हम लोकसभा में भाजपा को वॉकओवर नहीं देंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा था- देश में कोई भी संस्थान आपका समर्थन नहीं करेगा। एक भी व्यक्ति आपका समर्थन नहीं करने वाला। यह ब्रिटिश काल जैसा है, जब एक भी संस्थान कांग्रेस को समर्थन नहीं देता था। पार्टी तब भी लड़ी थी और जीती थी।
MP में हार से हैरान कांग्रेस तलाश रही है कारण, दिल्ली से भोपाल तक बैठकों का दौर
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत को अभी 6 महीने भी नहीं हुए थे कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है. यही कारण है कि पार्टी में मंथन को दौर जारी है और हार के कारणों की समीक्षा जा रही है. इस बाबत दिल्ली से लेकर भोपाल तक तमाम दिग्गज सक्रिय हैं और बैठकों का दौर चल पड़ा है.
सूबे के विधानसभा चुनाव में 230 में से 114 सीट जीतने वाली कांग्रेस पार्टी छह महीने बाद ही हुए लोकसभा चुनाव में 29 में से सिर्फ एक ही सीट जीत पाई. सबसे ज्यादा हैरानी पार्टी को ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना संसदीय क्षेत्र की हार से है. सूत्रों की माने तो कांग्रेस ने विधानसभा क्षेत्र अनुसार रिपोर्ट दर्ज की है और उसकी समीक्षा की जा रही है. साथ ही मतदाताओं के रुख में बदलाव के कारण का भी विश्लेषण किया जा रहा है.
इस बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली के दौरे पर हैं और उन्होंने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. माना जा रहा है कि वह दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं से मुलाकात कर राज्य में कांग्रेस की स्थिति पर चर्चा कर सकते हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली से भोपाल लौटने के बाद आठ जून को कोर कमेटी की बैठक बुलाई है. इस बैठक में पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह मौजूद रहेंगे.