इस्तीफों के बाद भोपाल में हलचल तेज, कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू

मध्य प्रदेश में लंबे समय से कमलनाथ और सिंधिया के बीच की खींचतान इस हद तक बढ़ी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. मंगलवार सुबह सिंधिया अमित शाह से मिलने पहुंचे और फिर उनके साथ एक ही गाड़ी में बैठे और पीएम मोदी से मुलाकात की.

  • एमपी में सियासी उलटफेर
  • सिंधिया का कांग्रेस से इस्तीफा
  • कमलनाथ सरकार का गिरना तय

भोपाल। मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच 22 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं, जिसके बाद कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा गया है. ये पूरी स्थिति ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद सामने आई है. इस पूरे सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने विधायक दल की बैठक बुलाई है.

शाम 5 बजे- कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू

सिंधिया ने खेला बड़ा गेम

मध्य प्रदेश में लंबे समय से कमलनाथ और सिंधिया के बीच की खींचतान इस हद तक बढ़ी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. मंगलवार सुबह सिंधिया अमित शाह से मिलने पहुंचे और फिर उनके साथ एक ही गाड़ी में बैठे और पीएम मोदी से मुलाकात की. एक घंटे की मुलाकात के बाद सिंधिया बाहर आए. उनकी चुप्पी के बीच खबर आई कि सिंधिया बीजेपी में शामिल होंगे और उन्हें राज्यसभा भेजा जाएगा. इसके अलावा उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया जाएगा. इन खबरों पर सिंधिया की खामोशी और बीजेपी की चुप्पी के बावजूद सारा खेल साफ हो गया था.

जब ज्योतिरादित्य की मुलाकात अमित शाह और मोदी से चल रही थी तब बेंगलुरु में मौजूद सिंधिया समर्थक 19 कांग्रेस विधायकों की तस्वीर सामने आई. इनमें कमलनाथ सरकार के 6 मंत्री भी शामिल थे. बाद में इन सभी ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद कांग्रेस के दो और विधायकों ने भी इस्तीफे दे दिए. यानी कांग्रेस के विधायक इस्तीफा दे रहे हैं, जिससे बीजेपी सरकार बनने का रास्ता साफ हो रहा है.

कमलनाथ सरकार के रंग में भंग पड़ते ही मौका देख बीजेपी सक्रिय हो गई है. भोपाल में जहां बीजेपी रणनीति बनाने में जुटी है तो दिल्ली में शिवराज सिंह चौहान पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मैराथन बैठकें कर रहे हैं.

कांग्रेस विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने की खबरें आते ही दिल्ली में शिवराज सिंह चौहान सक्रिय हो गए. शिवराज सिंह चौहान ने पहले दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की. इसके बाद वे गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद थे. शिवराज सिंह चौहान और अमित शाह की बैठक घंटों तक चली. इस दौरान ताजा उठापटक के तमाम पहलुओं पर चर्चा की गई.

हम नहीं गिरा रहे सरकार-भार्गव

आजतक से बातचीत में मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि एमपी में कांग्रेस की सरकार अपनी गुटबाजी और अंतर्विरोधों से गिरेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस सरकार को नहीं गिरा रही है. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे एमपी में नई सरकार बनाने की कोशिश करेंगे, तो उन्होंने कहा कि अगर कमलनाथ सरकार गिरती है, तो इस हालात में बीजेपी आलाकमान राज्य नेतृत्व को जो निर्देश देगा वैसा कदम एमपी बीजेपी उठाएगी. बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कमलनाथ सरकार का गिरना तय है.

सिंधिया को सीएम पद नहीं दे रही बीजेपी

एमपी की इस उठापटक के केंद्र में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया देर शाम को अचानक दिल्ली में दिखे. सूत्रों के हवाले से खबर आई कि सिंधिया बीजेपी में कुछ नेताओं से संपर्क में हैं. कयासों का दौर चलता रहा. सूत्रों के मुताबिक अगर एमपी में कमलनाथ सरकार गिरती है तो बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम पद ऑफर नहीं कर रही है. हालांकि ये रिपोर्ट जरूर है कि समर्थन के बदले उन्हें उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है.

शिवराज चुने जा सकते हैं विधायक दल के नेता

एमपी में मची राजनीतिक हलचल के बीच मंगलवार शाम 7 बजे बीजेपी ने विधायक दल की बैठक बुलाई है. इस बैठक में बीजेपी के सभी 107 विधायकों को मौजूद रहने को कहा गया है. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है.

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