आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रेड्डी ने नायडू सरकार का फैसला बदला, सीबीआई अब राज्य में कार्रवाई कर सकेगी
सीबीआई को अब राज्य में भ्रष्टाचार या अन्य मामलों में कार्रवाई का पूरा अधिकार होगा नायडू ने नवंबर में उस आम सहमति को वापस ले लिया था, जिसके तहत सीबीआई को राज्य में कार्रवाई का अधिकार था
अमरावती. जगन मोहन रेड्डी सरकार ने गुरुवार को चंद्र बाबू नायडू की सरकार के उस विवादित फैसले को बदल दिया, जिसके तहत सीबीआई को राज्य मेंजांच और छापेमार कार्रवाई करने की अनुमति पर रोक लगी थी। सीबीआई को अब राज्य में किसी भी भ्रष्टाचार या अन्य मामलों में कार्रवाई का पूरा अधिकार होगा।
8 नवंबर 2018 को तत्कालीन तेदेपा सरकार ने सरकारी आदेश जारी कर उस आम सहमति को वापस ले लिया था, जिसके तहत सीबीआई को राज्य में कार्रवाई का अधिकार मिला था।
नायडू ने भाजपा पर सीबीआई का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था
आंध्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री एन चिना राजप्पा ने कहा था कि सीबीआई अधिकारियों पर लगे आरोपों के कारण यह फैसला किया। एनडीए से अलग होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू आरोप लगा रहे थे कि केंद्र सरकार सीबीआई को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल कर रहीहै।
रेड्डी ने नायडू के फैसला का विरोध किया था
30 मई को सत्ता में आई रेड्डी सरकार ने नायडू सरकार के आदेश को रद्द करने के लिए गुरुवार को नया आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया है कि 8 नवंबर, 2018 को जारी आदेश को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के प्रावधानों के तहत रद्द कर दिया गया है। विपक्ष में रहते हुए रेड्डी ने नायडू सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि नायडू ने सीबीआई से डरकर यह कदम उठाया।
राज्य सरकार की सहमति के बिना कार्रवाई नहीं कर सकती सीबीआई
सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम-1946 के जरिए बनी संस्था है। अधिनियम की धारा-5 में देश के सभी क्षेत्रों में सीबीआई को जांच की शक्तियां दी गई हैं। धारा-6 में कहा गया है कि राज्य सरकार की सहमति के बिना सीबीआई उस राज्य के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकती है। आंध्र और प. बंगाल सरकार ने धारा-6 का ही इस्तेमाल करते हुए सहमति वापस ले ली थी।